सोमवार, 17 मार्च 2003
सोमवार, १७ मार्च २००३
यीशु मसीह का संदेश जो दूरदर्शी Maureen Sweeney-Kyle को नॉर्थ रिजविले, यूएसए में दिया गया था।

"मैं तुम्हारा यीशु हूँ, अवतार लेकर जन्म लिया हुआ। कृपया समझो कि जैसे पहला कक्ष हमारे संयुक्त हृदयों का पवित्र प्रेम की ज्वाला है--मेरी माता के हृदय की वह ज्वाला जो आत्मा को गंभीर पापों से शुद्ध करती है--सभी बाद वाले कक्ष जो दिव्य प्रेम हैं आत्मा को उसकी अपनी इच्छा से शुद्ध करते हैं और उसे मेरे पिता की दैवीय इच्छा के अनुरूप लाते हैं।"
"जितना अधिक आत्मा सब कुछ ईश्वर के हाथ से स्वीकार कर सकता है--वर्तमान क्षण में उसकी पवित्रता उतनी ही गहरी होती है--उतना ही वह सद्गुणों में परिपूर्ण होता जाता है, मानवीय इच्छा दैवीय के साथ उतनी ही अनुरूप हो जाती है। स्व-इच्छा आत्म-प्रेम और स्वयं तथा संसार से आसक्ति से भरी होती है। जितना अधिक आत्मा स्वयं से अलग होती है, उतना ही अधिक दिव्य प्रेम उसके हृदय को भर सकता है।"
"इस वियोग के लिए प्रार्थना करो। पवित्र प्रेम से भरे और उपभोग किए जाने की प्रार्थना करो। तभी दैवीय इच्छा का राज्य तुम्हारे हृदय में स्थापित होगा।"